आजीविका - Motivational Story In Hindi

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आजीविका - Motivational Story In Hindi




Motivational Story In Hindi

गांव में एक परिवार रहता था। वो परिवार काफी बड़ा था पर वो सभी एक साथ में एक ही छत के नीचे रहते थे। इतने बड़े परिवार में सभी बच्चे भी पढ़े-लिखे और बड़े थे लेकिन उन सभी में से कोई भी फिलहाल काम नहीं करता था। उन लोगों के जीवन की आजीविका उनके पास जो गाय और भेंस थी वही थी।


परिवार के बच्चे और दूसरे भी सदस्य पढ़े लिखे थे और चाहे तो वो लोग अच्छी नौकरी भी कर सकते थे लेकिन उन में से कोई भी नौकरी नहीं करता था। उन लोगों के पास खुद की जमीन भी थी लेकिन फिर भी वो लोग खेती भी नहीं करते थे।


गाय और भैंस का दूध बेचकर जो पैसे आते थे, उनमे से ही इस परिवार का घर चलता था। वो लोग ज्यादा खर्च भी नहीं करते थे और अपनी आजीविका के लिए दूसरा कोई रास्ता भी नहीं ढूंढते थे।


एक दिन उनके घर पर कोई दूर का रिस्तेदार आता है। वो देखते है कि ये परिवार में से तो कोई भी कमाने नहीं जाता है। रिस्तेदार को अब ये जानने में बड़ी दिलचस्पी होती है कि अगर इस घर में से कोई भी कमाने नहीं जाता है तो फिर इन लोगों का घर कैसे चलता है।


इस परिवार की आजीविका का साधन ऐसा तो क्या है की ये सभी कुछ काम धंधा भी नहीं करते है। रिश्तेदार दूर के थे और वे ऐसा सवाल घर में से किसी को भी पूछना उचित भी नहीं समझते थे। उन्होंने सोचा कि मैं वैसा करता हूं  कि कल सुबह तक देखता हूं, अगर कुछ पता चल पाए तो।


दूसरे दिन भी इस परिवार में से कोई भी कमाने नहीं जाता है। इस दिन जब सुबह को लोग इस घर पर दूध लेने के लिए आते है, तब घर पर जो रिश्तेदार आये थे, उन्हें पता चलता है कि इस परिवार का गुजारा दूध बेचकर ही होता है।


रिश्तेदार ये भी देखते है कि दूध बेचकर इतने बड़े परिवार का गुजारा अच्छे से नहीं हो पाता है, फिर भी कोई काम करने के लिए राजी नहीं था। इस परिवार के सारे लोग अब आलसी हो गए है क्योकि काफी वक्त से किसी ने भी काम नहीं किया है।


उस रिश्तेदार को लगता है कि इस परिवार के लोगों की आलस को खतम करना चाहिए। वो कोई तरीका सोचने लगते है। उन्होंने सोचा कि अगर गाय और भैंस हो ही नहीं तो फिर ये सारे लोगों के लिए जीना मुश्किल हो जायेगा और ये लोग अपनी आजीविका के लिए दूसरा रास्ता भी ढूंढेगे।


रिश्तेदार ने एक तरकीब सोची और वो इस परिवार की आजीविका यानि की गाय और भैंस को देर रात को ही अपने साथ लेकर वहा से चले जाते है। परिवार के लोग अगली सुबह उठकर देखते है कि गाय और भैंस चुरा कर कोई ले गया है। रिश्तेदार को घर पर न देखकर उन सभी को पता चल जाता है कि ये काम उस रिश्तेदार ने ही किया है।


परिवार के सभी लोग उस रिश्तेदार को भला-बुरा बोलने लगते है। उन सभी की एकमात्र आजीविका थी, वो भी अब नहीं रही। इस लिए वो सभी बड़े परेशान हो रहे थे। अब जीवन का गुजारा कैसे होगा ये सोच-सोच कर घर में सभी लोग हैरान हो रहे थे।


काफी वक्त से उन लोगों ने कुछ भी काम नहीं किया था। इसी कारण इन में से किसी को भी अब काम करने का मन नहीं हो रहा था। कुछ दिन तक तो वे सभी घर पर बैठे रहे लेकिन ऐसा भी कितने दिन तक चलेगा ? कुछ ही दिनों में तो उन लोगों को खाने-पीने के लाले पड़ने लगे।



अब नौकरी करने के अलावा कोई चारा भी नहीं था। बड़ा लड़का पढ़ा-लिखा था, उसलिए कुछ प्रयत्न करने के बाद उसे अच्छी जॉब मिल जाती है। दूसरा लड़का और घर के कुछ लोग मिलकर अब जो जमीन थी उसी में खेती करने लगे। कुछ ही दिनों में अच्छी आवक भी खेती से होने लगी।


परिवार के सभी लोग मिल कर अच्छा कमाने लगे थे और उन लोगों की जिंदगी पहले से भी अच्छी हो गयी थी। अब वो सभी का जीवन अच्छे से चल रहा था।


2 साल के बाद जो रिश्तेदार पहले उनके घर पर आये थे, वो वापिस आते है। वो अपने साथ जो गाय-भैंस ले गए थे वो भी लेकर आये थे। रिश्तेदार परिवार के सभी लोगो से माफी मांगते है और उन्हें ये भी कहते है की मैंने ये सब आप लोगों के लिए ही किया था।


मैंने देखा था कि आप सभी तंदुरस्त और पढ़े लिखे होने के बावजूद भी काम नहीं कर रहे थे और एक मात्र गाय-भैंस को ही अपनी आजीविका बना रहे थे। मैंने आप सभी की आलस खत्म करने के लिए ही ये सब किया था।


परिवार के सभी लोग कहते है कि आपका बहुत धन्यवाद। आप की वजह से ही आज हमारी जिंदगी इतनी अच्छी हुई है।


शिक्षा - अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए मेहनत करनी जरूरी है। खाली बैठकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।


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