नमस्कार दोस्तों, Wikipedia Hindi में आपका स्वागत है। आज हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन मेहनत नहीं करना चाहता। मतलब बिना मेहनत के सफलता पाना हर कोई चाहता है और जब किसी सफल व्यक्ति को देखता है तो उसे देखकर सोचता है कि वो क्यों सफल नहीं हो रहा। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मेहनत है।
जो लोग सफलता पाना चाहते हैं, उन्हें अंतिम पल तक हिम्मत नहीं हारना चाहिए। जिस पल हम हार मान लेते हैं, उसी समय हम असफल हो जाते हैं। अगर आप भी सफलता पाना चाहते हैं तो किसी सफल व्यक्ति का जीवन परिचय जरूर पड़े। क्योंकि अगर आप किसी सफल व्यक्ति का जीवन परिचय पढ़ते हैं तो आपको पता चलता है कि उसने कैसे और कितनी मेहनत के बाद वो मुकाम हासिल किया है।
आज सफलता और मेहनत को लेकर एक लोक कथा हम आपके साथ सांझा करने वाले हैं, जिसे एक बार पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि सफलता कैसे मिलती है और जब तक सफलता नहीं मिलती हार नहीं माननी चाहिए। क्योंकि मेहनत करने के बाद ही सफलता मिलती है। तो आईए पढ़ते हैं लोक कथा....
कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा था। जिसका बहुत बड़ा राज्य था। एक बार वो राजा युद्ध में हार गया था। उसके सभी सैनिक मारे जा चुके थे। राजा किसी तरह अपनी जान बचाकर जंगल में भाग गया। विरोधी सैनिक उसका पीछा कर रहे थे। वह बचने के लिए जंगल में एक गुफा में छिप गया। ताकि वह उन सैनिकों से अपने आप को बचा सके।
वो सैनिक भी राजा का पीछा कर रहे थे। इसलिए राजा को खोजते-खोजते सैनिक उस गुफा तक पहुंच गए। जिसके बाद उन्होंने गुफा के अंदर राजा को ढूंढा, लेकिन सैनिक राजा को ढूंढ नहीं सके। गुफा से बाहर आने के बाद सैनिकों को सोचा कि अगर राजा गुफा में होगा तो उसे अंदर ही बंद कर दिया जाए। इसलिए उन्होंने बड़े-बड़े पत्थरों से गुफा बंद कर दी।
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गुफा बहुत बड़ी और गहरी थी। जिसके चलते राजा काफी अंदर की ओर छिपा हुआ था। वह काफी थक चुका था और भूख-प्यास की वजह से बेहाल हो रहा था। थकावट और भूख के कारण उसके शरीर में ताकत भी नहीं बची थी। शत्रु सैनिक गुफा बंद करके वहां से चले गए तो राजा अंदर बैठा-बैठा सोच रहा था कि अब तो उसका जीवन खत्म हो गया। वह गुफा से कभी बाहर नहीं निकल पाएगा।
राजा निराश हो चुका था। तभी उसे मां की एक बात याद आई। उसकी मां कहती थी कि कुछ तो कर, यूं ही मत मर। ये बात याद आते ही राजा में फिर से ऊर्जा आ गई। उसने सोचा कि कोशिश किए बिना हार नहीं मानना चाहिए। राजा गुफा के द्वार से पत्थरों को हटाने का काम शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत के बाद राजा ने बड़े-बड़े पत्थर खिसका दिए। किसी तरह राजा ने बाहर निकलने की थोड़ी सी जगह बना ली थी।
जब राजा ने बाहर निकलने का रास्ता देखा तो उसे जीवन का एक ओर रास्ता नजर आया। राजा गुफा से बाहर निकला और अपने मित्र राजा के पास पहुंच गया। मित्र राजाओं की मदद से उसने शत्रुओं को पराजित कर दिया और अपना राज्य वापस प्राप्त कर लिया। इसलिए कभी हार नहीं माननी चाहिए।
शिक्षा :
इस कथा से यहीं शिक्षा मिलती है कि हमें सफलता मिलने तक हार नहीं मानना चाहिए। जब हम किसी काम को देखकर हार मान जाते हैं तो उस समय हम असफल हो जाते हैं। फिर चाहे वो कितना भी आसान काम हो, हमें कठिन लगने लगता है। इसलिए कभी हार नहीं माननी चाहिए।
दोस्तों मेहनत करना कोई बुरी बात नहीं है, इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं तो जी-जान से मेहनत करनी चाहिए। क्योंकि मेहनत के बिना कोई भी व्यक्ति सफलता नहीं पा सकता। चाहे आप कितना भी सफल क्यों न हो। इसलिए मेहनत से कभी जी नहीं चुराना चाहिए।
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