Motivational Story - जीवन में गुरू का महत्व क्या होता है

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Motivational Stories in Hindi : Importance Of Sant In Life - संत का जीवन में बहुत महत्व होता है। इसलिए संत के बिना शिष्य का जीवन सफल नहीं हो सकता है। अगर आपको किसी मुकाम को हासिल करना है या फिर जिंदगी में सफल होना है तो आपको एक गुरू की जरूरत होती है। गुरू के बिना ज्ञान नहीं मिल सकता है। आज इस आर्टिकल में हम संत के महत्व के बारे में ही जानकारी देने वाले हैं।

आज हर कोई एक सफल इंसान बनना चाहता है। सफल बनने के लिए जहां आपको मेहनत करने की जरूरत होती है तो वहीं आपको एक सही मार्गदर्शक भी चाहिए जो समय-समय पर आपको सहीं रास्ता दिखाता रहे। इसलिए जीवन में एक संत का होना बहुत ही आवश्यक है। आज जीवन में संत के महत्व (Importance Of Sant In Life) पर हम आपको एक मोटिवेशनल कहानी सुनाने जा रहे हैं। जो आपको पसंद आएगी।

Motivational Stories in Hindi : Importance Of Sant In Life

ये प्रेरणादायक कथा गौतम बुद्ध जी से जुड़ी हुई है। पुराने समय की बात है। जंगल में पति-पत्नी एक झोपड़ी में रहते थे। एक दिन उस व्यक्ति ने घर के पास में ही बने तालाब में बहुत ही सुंदर और दिव्य फूल खिला हुआ देखा। जिसे देखने के बाद वह उसकी ओर आकर्षित हुआ है और तालाब से वापिस घर लौटकर उसने दिव्य फूल के बारे में अपनी पत्नी को बताया।

उसकी पत्नी धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिला थी और गौतम बुद्ध जी के प्रति आस्था रखती थी। जब उसने दिव्य फूल के बारे में सुना तो वह भी अपने पति के साथ वहां पहुंच गई और तालाब में दिव्य फूल देखते हुए उसने कहा कि यहां से जरूर गौतम बुद्ध जी गुजरे होंगे। इसी वजह से तालाब में इतना सुंदर दिव्य फूल खिला है।

फूल की सुंदरता और खुशबू को देखने के बाद पति ने सोचा कि अगर इस फूल को तोड़कर इलाके के राजा को भेंट किया जाए तो बदले में राजा उन्हें बहुत बड़ा इनाम देगा और हीरे-जवारात उन्हें उपहार सवरूप मिलेंगे। यह बात उसने अपनी पत्नी को भी बताई कि फूल राजा को भेंट किया जाए। जिसपर उसकी पत्नी ने भी हां कर दी और अगले दिन फूल राजा को भेंट करने का फैसला किया गया।

अगली सुबह उस व्यक्ति ने तालाब से फूल तोड़ा और उसे राजा को भेंट स्वरूप देने के लिए घर से निकल पड़ा। बिना टहनी के टूटा हुआ फूल इतना सुंदर था कि वो मुर्जाया नहीं और उसकी दिव्य सुंदरता को देखकर रास्ते में एक व्यापारी ने उससे रोककर कहा कि फूल मुझे दे दो। मैं इसके बदले में आपको 100 मुद्राएं दूंगा। लेकिन उस व्यक्ति ने कहा कि ये फूल तो मैं राजा को ही भेंट करुंगा और उनसे मुझे ज्यादा धन मिलेगा।

इसके बाद व्यापारी ने उस फूल के बदले में उसे ओर ज्यादा मुद्राएं देने की भी बात कही, लेकिन उसे समझ आ गया कि इस फूल में ऐसी तो कोई खास बात होगी, जिसके लिए व्यापारी उसे इतना पैसा दे रहा है। उसने व्यापारी को फूल देने से मना कर दिया और फूल लेकर राजा के दरबार की ओर चल पड़ा। लेकिन कुछ दूरी पर उसे राजा सैनिकों के साथ मिल गया।

जब राजा ने बिना पानी के फूल देखा और फूल की दिव्य सुंदरता देखते ही राजा ने उससे कहा कि ये फूल हमें दे दो, मैं इसके बदले में आपको हजार मुद्राएं दूंगा। एक फूल का इतना मुल्य लगता देख उस व्यक्ति का हृदय परिवर्तन हो गया। उसने राजा की भी बात नहीं मानी और उसे अपनी पत्नी की बात याद आई कि तालाब के पास से जरूर गौतम बुद्ध जी गुजरे होंगे। जिसके वजह से ये दिव्य फूल खिला है।

इसके बाद वह तुरंत दौड़कर गौतम बुद्ध जी के पास पहुंच गया। जहां उसने वो दिव्य फूल बुद्ध जी के चरणों में चढ़ा दिया और जो उसने कहा, उसे हर किसी को समझना चाहिए। उसने बुद्ध जी से कहा कि एक फूल आपके प्रभाव से इतना दिव्य और मूल्यवान हो सकता है तो मैं तो एक इंसान हूं। अगर मैं आपकी संत में रहूंगा तो मेरा भी जीवन धन्य हो जाएगा। इसके बाद वो भी अपनी पत्नी के साथ बुद्ध जी का शिष्य बन गया।

इस कहानी से एक शिक्षा मिलती है कि गुरू के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीनव में सफल नहीं हो सकता है। इसलिए हमेशा अपने गुरू का सत्कार करना चाहिए और कभी भी गुरू के महत्व को नहीं भूलना चाहिए। अगर आप गुरू के महत्व को अपने जीवन में नहीं भूलेंगे तो आप कभी असफल नहीं होंगे।

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