Ramadan kya hota hai in Hindi - रमादान या रमजान क्या होता है? ये आपके मन भी सवाल जरूर उठता होगा। इसलिए आज हम यह आर्टिकल लिख रहे हैं, जिसमें आपको रमजान क्या है?, रमजान का इतिहास क्या है? रमजान कैसे मनाया जाता है? के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसलिए अपने सवाल का उत्तर पाने के लिए आपको यह आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा।
रमजान मुस्लिम समुदाय का एक पावन पर्व होता है। जिसे मुस्लिम बेहद पवित्र मानते हैं। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रमजान नवां महीना होता है। इस माह की शुरुआत चांद देखने के बाद ही होती है। फिर पूरा महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा रोजा रखा जाता है और एक महीने रमजान के पर्व को मनाया जाता है। जिसमें पूरी दुनिया के मुस्लिम इस पर्व को मनाते हैं।
पूरा एक माह तक रमजान के रोजे रखने के बाद मुस्लिम वर्ग द्वारा ईद मनाई जाती है। पूरा माह मुस्लिम लोग उपवास रखते हैं, जिसे रोजा क्या जाता है। जिसमें पूरा दिन कुछ खाया पीया नहीं जाता है और शाम को रोजा खोलने के बाद खाना खाया जाता है। इसलिए मुस्लिम समुदाय में रमजान का महत्व बहुत खास है। इसीलिए हम आपको इस आर्टिकल में रमजान क्या होता है? और रमजान का इतिहास हिंदी में बताने वाले हैं।
रमजान क्या होता है?
रमजान मुस्लिम समुदाय का एक पवित्र पर्व होता है। जिसे हर मुस्लिम द्वारा मनाया जाता है। रमजान को रमादान भी कहा जाता है। रमजान के महीने को इबादत का महीना कहा जाता है। इस दौरान बंदगी करने वाले हर शख्स की ख्वाहिश अल्लाह पूरी करता है।
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है। इसमें सभी मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीना रोजा रखते हैं। रोजा रखने से पहले खाना खाया जाता है और पूरा दिन भूखा-प्यासा रहा जाता है और उसके बाद रोजा खोलने के बाद ही खाया जाता है।
रमजान का इतिहास
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार सन 2 हिजरी में अल्लाह के हुक्म से मुसलमानों को रोजे रखने जरूरी किए गए। इसी महीने में शब-ए-कदर में अल्लाह ने कुरान जैसी नेमत दी। तब से मुस्लिम इस महीने में रोजे रखते आ रहे हैं। इसीलिए रमजान को पवित्र त्योहार माना जाता है।
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सहरी, इफ्तार और तरावीह
रमजान के दिनों में लोग सुबह उठकर सहरी करते हैं। सहरी खाने का वक्त सुबह सादिक (सूरज निकलने से करीब डेढ़ घंटे पहले का वक्त) होने से पहले का होता है। सहरी खाने के बाद रोजा शुरू हो जाता है। रोजेदार पूरे दिन कुछ भी खा और पी नहीं सकता। इस दौरान सेक्स संबंध बनाने की भी मनाही है। शाम को तय वक्त पर इफ्तार कर रोजा खोला जाता है।
एहतियात के तौर पर सूरज डूबने के 3-4 मिंट बाद ही रोजा खोलना चाहिए। फिर रात की इशा की नमाज (करीब 9 बजे) के बाद तरावीह की नमाज अदा की जाती है। इस दौरान मस्जिदों में कुरान भी पढ़ा जाता है। ये सिलसिला पूरा महीना चलता है। महीने के अंत में 29 का चांद होने पर ईद मनाई जाती है। 29 का चांद नहीं दिखने पर 30 रोजे पूरे कर अगले दिन ईद का जश्न मनाया जाता है।
रमजान का असली मकसद
रोजे रखने का मकसद अल्लाह में यकीन को ओर गहरा करना और इबादत का शौक पैदा करना है। साथ ही सभी तरह के गुनाहों और गलत कामों से तौबा की जाती है। इसके अलावा नेकी का काम करने को प्रेरित करना, लोगों से हमदर्दी रखना और खुद पर नियंत्रण रखने का जज्बा पैदा करना भी इसका हिस्सा है।
चैरिटी के लिहाज से भी है रमजान खास
सन 2 हिजरी में ही जकात (चैरिटी) को भी जरूरी बताया गया है। इसके तहत अगर किसी के पास साल भर उसकी जरूरत से अलग साढ़े 52 तोला चांदी या उसके बराबर कैश या कीमती सामान है तो उसका ढाई फीसदी जकात यानी दान के रूप में गरीब या जरूरतमंद मुस्लिम को दिया जाता है।
वहीं ईद के दिन से ही फितरा (एक तरह का दान ही होता है) हर मुस्लिम को अदा करना होता है। इसमें 2 किलो 45 ग्राम गेहूं की कीमत तक रकम गरीबों में दान की जाती है। इसलिए रमजान अपने आप में खास होता है।
2021 में कब होगा रमजान का महीना
Ramadan 2021- वर्ष 2021 की बात करें तो कहा जा रहा है कि अगर 12 अप्रैल 2021 को चांद दिखाई देता है तो पहला रोजा 13 अप्रैल को रखा जाएगा। वहीं, अगर 13 अप्रैल को चांद दिखाई देता है तो 14 अप्रैल के पहला रोजा रखा जाएगा।
रमजान में सहरी और इफ्तार का समय
14 अप्रैल- सुबह 4:13 बजे - शाम 6:21 बजे
15 अप्रैल- सुबह 4:12 बजे - शाम 6:21 बजे
16 अप्रैल- सुबह 4:11 बजे - शाम 6:22 बजे
17 अप्रैल- सुबह 4:10 बजे - शाम 6:22 बजे
18 अप्रैल- सुबह 4:09 बजे - शाम 6:23 बजे
19 अप्रैल- सुबह 4:07 बजे - शाम 6:23 बजे
20 अप्रैल- सुबह 4:06 बजे- शाम 6:24 बजे
21 अप्रैल- सुबह 4:05 बजे- शाम 6:24 बजे
22 अप्रैल- सुबह 4:04 बजे - शाम 6:25 बजे
23 अप्रैल- सुबह 4:03 बजे - शाम 6:25 बजे
24 अप्रैल- सुबह 4:02 बजे - शाम 6:26 बजे
25 अप्रैल- सुबह 4:01 बजे - शाम 6:26 बजे
26 अप्रैल- सुबह 4:00 बजे - शाम 6:27 बजे
27 अप्रैल- सुबह 3:59 बजे - शाम 6:28 बजे
28 अप्रैल- सुबह 3:58 बजे- शाम 6:28 बजे
29 अप्रैल- सुबह 3:57 बजे- शाम 6:29 बजे
30 अप्रैल- सुबह 3:56 बजे- शाम 6:29 बजे
01 मई- सुबह 3:55 बजे- शाम 6:30 बजे
02 मई- सुबह 3:54 बजे- शाम 6:30 बजे
03 मई- सुबह 3:53 बजे- शाम 6:31 बजे
04 मई- सुबह 3:52 बजे- शाम 6:31 बजे
05 मई- सुबह 3:51 बजे- शाम 6:32 बजे
06 मई- सुबह 3:50 बजे- शाम 6.32 बजे
07 मई- सुबह 3:49 बजे- शाम 6:33 बजे
08 मई- सुबह 3:48 बजे- शाम 6:34 बजे
09 मई- सुबह 3:47 बजे- शाम 6:34 बजे
10 मई- सुबह 3:46 बजे- शाम 6:35 बजे
11 मई- सुबह 3:45 बजे- शाम 6:35 बजे
12 मई- सुबह 3:44 बजे- शाम 6:36 बजे
13 मई- सुबह 3 : 44 बजे- शाम 6:36 बजे
अंतिम शब्द
ये है रमजान का इतिहास और रमजान क्या होता है हिंदी में। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आएगी। अगर जानकारी पसंद आए तो कृप्या इस पोस्ट को Facebook, Whatsapp, Twitter पर जरूर शेयर करें।
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